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कमल का कमाल

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पंकज , नीरज , सरोज , अम्बुज , राजीव , इन्दीवर , अरविन्द , पुण्डरीक - ये सभी कमल के पर्याय हैं। लेकिन इनमें क्या कुछ अन्तर है ? पंकज = पंक+ज। पंक कीचड़ को कहते हैं, कीचड़ में पैदा होने वाला कमल 'पंकज' है। नीरज = नीर + ज। 'नीर' यानी साफ़ गहरे पानी में जो कमल पैदा हो , वही 'नीरज' है। सरोज = सरः + ज। 'सरोवर' में पैदा होने वाला कमल 'सरोज' है। 'अम्बु' भी जल को कहते हैं , इसी से अम्बुज बना। 'इन्दीवर' और 'राजीव' उस कमल-विशेष को कहते हैं जो नीले रंग का होता है और रात को फूलता है। इसी तरह 'अरविन्द' भी लाल या नीले कमल को ही कहा जाता है। लेकिन 'पुण्डरीक' ख़ास तौर पर सफ़ेद कमल है। कविता में कुछ भी , कहीं भी फ़िट नहीं किया जा सकता। सुन्दर कविता एक सुष्ठु मूर्ति की तरह है , उसे मनोयोग से मूर्तिकार गढ़ता है और फिर उसमें प्राण प्रतिष्ठित करता है।

सूर्य नमस्कार क्या है?

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सूर्य नमस्कार क्या है ? (What is Surya Namaskar?) 🌄'सूर्य नमस्कार' का शाब्दिक अर्थ सूर्य को अर्पण या नमस्कार करना है। यह योग आसन शरीर को सही आकार देने और मन को शांत व स्वस्थ रखने का उत्तम तरीका है। सूर्य नमस्कार १२ शक्तिशाली योग आसनों का एक समन्वय है, जो एक उत्तम कार्डियो-वॅस्क्युलर व्यायाम भी है और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। सूर्यनमस्कार मन वह शरीर दोनों को तंदुरुस्त रखता है| यदि आपके पास समय की कमी है, और आप चुस्त दुरुस्त रहने का कोई नुस्ख़ा ढूँढ रहे हैं, तो सूर्यनमस्कार उसका सबसे अच्छाविकल्प है| सूर्य नमस्कार प्रातःकाल खाली पेट करना उचित होता है। आइए अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए सूर्य नमस्कार के इन सरल और प्रभावी आसनों को आरंभ करें। 🎭प्रत्येक सूर्य नमस्कार के चरण में १२ आसनों के दो क्रम होते हैं I १२ योग आसन सूर्य नमस्कार का एक क्रम पूर्ण करते हैं| सूर्य नमस्कार के एक चरण के दूसरे क्रम में योग आसनों का वो ही क्रम दोहराना होता है, अपितु केवल दाहिने पैर के स्थान पर बाएँ पैर का प्रयोग करना होगा (नीचे चौथे और नवें पद में इसका विवरण दिया गया है)| सूर्य नमस्कार के विभिन्न