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Showing posts from July, 2022

वीर टिकेंद्रजीत सिंह

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 वीर टिकेंद्रजीत सिंह जय हिन्द, साथियों आज आपके लिए अतीत के पन्नों से ऐसी वीरगाथा लाए हैं, जिसे खुद इतिहास ने भुला दिया। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं मणिपुर के शेर टिकेन्द्रजीत सिंह जी की। स्वतंत्र मणिपुर रियासत के राजकुमार टिकेन्द्रजीत सिंह, महाराजा चंद्रकीर्ति सिंह और चौंग्थम चानू कुमेश्वरी देवी की चौथी संतान थे। जिनका जन्म 19 दिसंबर 1856 को हुआ था। वर्ष अठारह सौ चौबीस में हुई आंग्ल-बर्मा युद्ध में, मणिपुर ने अंग्रेजों से मदद मांगी और अंग्रेजों ने अपनी मदद दे दी, मगर इसके एवज में अंग्रेजों ने अपना परोक्ष रूप से अधिकार मणिपुर में स्थापित कर दिया।  वर्ष अठारह सौ छियासी में महाराजा चंद्रकीर्ति सिंह की मृत्यु होने पर उनके बड़े बेटे सूर्य चन्द्र सिंह को राजगद्दी मिल गयी और बाकी राजकुमारों को उत्तराधिकारी, सेनापति, पुलिस प्रमुख आदि नियुक्त किया गया। इस बीच अंग्रेजों ने मोटे ब्याज पर मणिपुर के राजा और राजपरिवारों को कर्ज देना शुरू किया, इस तरह वे राज्य पर अपना अधिकार कायम करके चले गए। राजकुमार टिकेन्द्रजीत अंग्रेजों की इस नीति के विरुद्ध थे। दिसंबर अट्ठारह सौ नब्बे में उन्होंने दो अन्य राजकुमार

मरधु बंधु

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  मरधु बंधु   https://youtu.be/gmfm1Fv7x5w आज अतीत के पन्नों से दो ऐसे जुड़वां भाइयों की वीरगाथा लेकर आए हैं, जिन्होंने अपने पराक्रम से बरतानिया हुकूमत को हिलाकर रख दिया था।  हम बात कर रहे हैं दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में जन्में स्वतंत्रता सेनानी पेरियार मरुधु और चिन्ना मरुधु, जिन्हें  मरुधु पांडियार और मरुधु भाई भी कहा जाता है।  इन्होंने आरकोट के नवाब व अंग्रेजों के खिलाफ़ लड़ाई जीती। पेरियार मरुधु और चिन्ना मरुधु, गुरिल्ला युद्ध तकनीक के विशेषज्ञ थे। उन्होंने वल्लारी का आविष्कार किया, एक ऐसा हथियार जिसमें लकड़ी या लोहे के कोण पर दो अंग होते हैं, यह boomerang का एक प्रकार है। इन्होंने इस हथियार का सफलतापूर्वक उपयोग किया। सन 1780 में मरुधु पांडियार ने रानी वैल्यूनचियार को अंग्रेजों के खिलाफ़ लड़ाई जीतने और तमिलनाडु में शिवगंगई राज्य को फिर से हासिल करने में मदद की थी। अंतिम युद्ध की जीत रानी के सेना की महिला विंग कमांडर कुयली द्वारा सुगम की गई थी। इस महिला ने ब्रिटिश गोला बारूद की दुकान में आग की लपटों में खुद को जलाकर अंग्रेजों की गोला बारूद को नष्ट कर दिया। कुयली की कहानी "Saffro